Friday, 30 March 2018
Tuesday, 27 March 2018
Monday, 26 March 2018
Sunday, 25 March 2018
Saturday, 24 March 2018
Thursday, 22 March 2018
Wednesday, 21 March 2018
Sunday, 18 March 2018
Saturday, 17 March 2018
Intercaste Love Marriage Specialist in India
Call Now : +91 7297037082
Drop Your Mail : astroyash01@gmail.com
Thursday, 15 March 2018
Wednesday, 14 March 2018
Tuesday, 13 March 2018
Monday, 12 March 2018
Friday, 9 March 2018
Thursday, 8 March 2018
जानिए शीघ्र शादी के उपाय | पाए हर समस्या का फ्री समाधान | पंडित जी को आज ही संपर्क
जानिए शीघ्र शादी के उपाय | पाए हर समस्या का फ्री समाधान | पंडित जी को आज ही संपर्क
Call Now : +91 7297037082
Drop Your Mail : astroyash01@gmail.com
Our Website : www.indianbestastrologer.com
कुण्डली में विवाह विलम्ब से होने के योग होने पर विवाह की बात बार-बार प्रयास करने पर भी कहीं बनती नहीं है. इस प्रकार की स्थिति होने पर शीघ्र विवाह के उपाय करने हितकारी रहते है.
Get solution of problems arises in intercaste love marriage.
Consult Pandit ji and get immediate solution
Call Now : +91 7297037082
Wednesday, 7 March 2018
आप परेशान है पितृ दोष से ? करें ये आसान उपाए और पाएं पितृ दोष से छुटकारा |
1. कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में मृतात्मा की कम से कम एक पसंद की वस्तु अवश्य बनाएं।
3. पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें।
4. शाम के समय में दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। इससे भी पितृ दोष की शांति होती है।
5. सोमवार प्रात:काल में स्नान कर नंगे पैर शिव मंदिर में जाकर आक के 21 पुष्प, कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र के साथ शिवजी की पूजा करें। 21 सोमवार करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।
Tuesday, 6 March 2018
पितृदोष: लक्षण और निवारण
ज्योतिष विद्या में सूर्य को पिता का और मंगल को रक्त का कारक माना गया है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ये दो महत्वपूर्ण ग्रह पाप भाव में होते हैं तो व्यक्ति का जीवन पितृदोष के चक्र में फंस जाता है।
पितृदोष के बहुत से ज्योतिषीय कारण भी हैं, जैसे जातक के लग्न और पंचम भाव में सूर्य, मंगल एवं शनि का होना और अष्टम या द्वादश भाव में बृहस्पति और राहु स्थित हो तो पितृदोष के कारण संतान होने में बाधा आती है।
http://indianbestastrologer.com/blog.php?blog=6
For more details contact pandit ji
Call Now : +91 7297037082
Drop Your Mail : astroyash01@gmail.com
Our Website : www.indianbestastrologer.com
Monday, 5 March 2018
Saturday, 3 March 2018
Subscribe to:
Posts (Atom)